हमसे पूछिये
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तेज पांडे,
होशंगाबाद
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अगर आप इतिहास को
खंगालने के शौकीन हैं और इसके जरिए कई तरह की नई चीजों का पता लगाना
चाहते हैं तो हेरिटेज मैनेजमेंट के क्षेत्र में कॅरियर की बहुत उजली
संभावनाएँ हैं। ऑर्कियोलॉजिकल मान्यूमेंट्स,
आट्र्स एंड क्रॉफ्ट्स,
कॉइन, सील, बीड,
लिट्र्रेचर और नेचुरल फीचर्स के संरक्षण एवं
प्रबंधन का कार्य हेरिटेज मैनेजमेंट के अंतर्गत आता है। इस क्षेत्र
में जाने के लिए कम्युनिकेशन स्किल और आईटी स्किल की भी बहुत जरूरत
है। बारहवीं पास युवाओं के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई हेरिटेज
मैनेजमेंट का डिग्री कोर्स संचालित करती है। इसके अलावा हेरिटेज
मैनेजमेंट के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम निम्न संस्थानों में उपलब्ध हैं-
दिल्ली इंस्टीटयूट ऑफ
हेरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट,
नई दिल्ली।
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया,
इंस्टीट्यूट ऑफ
आर्कियोलॉजी, 24
तिलक मार्ग,
नई दिल्ली।
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अनिरुध्द देशमुख,
हरदा,
विनिता पटेल,
गुना
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कॅरियर प्लानिंग का
अर्थ है-रुचि,
योग्यता व क्षमता का आकलन करके कॅरियर के सबसे
अच्छे विकल्प को चुनना। वास्तव में दसवीं कक्षा के बाद ही कॅरियर
प्लानिंग की जानी चाहिए ताकि 11वीं और
12वीं के दो वर्षों में निर्धारित कॅरियर
की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जा सके। 10वीं
के बाद कॅरियर प्लानिंग कराने वाले देश में गिने-चुने संस्थान हैं।
इस हेतु आप 111, गुमास्तानगर,
इंदौर स्थित 'कॅरियर
दिशा' कॅरियर काउंसलिंग सेंटर से संपर्क
कर सकते हैं।
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मैं उर्दू भाषा में उच्च अध्ययन करना चाहती हूँ। कृपया मार्गदर्शन
दें। साथ ही यह भी बताएँ कि इस क्षेत्र में उच्च अध्ययन के बाद
कॅरियर के क्या अवसर हैं?
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रेशमा बानो,
टीकमगढ़
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मदरसों में उर्दू की
पढ़ाई के बाद अथवा 10/2
स्तर तक एक विषय के रूप में उर्दू का अध्ययन करने
के उपरांत उर्दू भाषा में स्नातक,
स्नातकोत्तर तथा पीएचडी की जा सकती है। बरकतउल्ला विश्व-विद्यालय,
भोपाल, लखनऊ
विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया
विश्वविद्यालय, दिल्ली,
इलाहाबाद विश्वविद्यालय,
इलाहाबाद आदि में उर्दू भाषा में उच्च अध्ययन की
सुविधा उपलब्ध है। सरकारी और गैरसरकारी दोनों क्षेत्रों में उर्दू का
ज्ञान रखने वालों के लिए रोजगार की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। अनुवादक,
उद्धोषक, रचनाकार,
गजलकार, नाटककार,
टेलीविजन, आकाशवाणी व
दूरदर्शन आदि क्षेत्रों में उर्दू जानने वालों को विशेष प्राथमिकता
दी जाती है। उर्दू के जानकारों को समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में
बतौर संपादक, उपसंपादक व नामानिगार
(संवाददाता) आदि पदों पर रखा जाता है। प्रकाशन विभाग के अलावा
जनसंपर्क विभाग, न्यायालय,
खुफिया विभाग तथा शिक्षा विभाग में भी नौकरी के
उजले अवसर उपलब्ध हैं।
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पत्राचार के माध्यम से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) का
कोर्स कराने वाले मान्यता प्राप्त संस्थानों एवं उनकी वेबसाइट की
जानकारी दें।
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श्रीधर वाजपेयी,
बड़वानी,
मुनीश बघेल,
रीवा
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थ् पत्राचार के
माध्यम से एमबीए की डिग्री कराने वाले प्रमुख प्रतिष्ठित संस्थान एवं
उनकी वेबसाइट इस प्रकार हैं-
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इंदिरा गाँधी
राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय,
नई दिल्ली। वेबसाइट-www.ignou.ac.in
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सिम्बायोसिस
इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज,
पुणे। वेबसाइट-www.sedl.net
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अन्नामलाई
विश्वविद्यालय,
तमिलनाडु। वेबसाइट-.
www.annamalaiuniversity.ac.in
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मदुरै कामराज
विश्वविद्यालय,
मदुरै। वेबसाइट- www. mkudde.org
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आईआईएम,
कोजीकोड। वेबसाइट-www.iimk.ac.in
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भारतीदासान
विश्वविद्यालय,
तिरुचिरापल्ली,
तमिलनाडु, वेबसाइट- www.bdu.ac.in
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यश जैन,
शिवपुरी
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थ् ऑक्सफोर्ड
विश्वविद्यालय की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में
होती है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में
130 देशों के
करीब 18,000 छात्र पढ़ते हैं।
अंतर्राष्ट्र्ीय छात्रों के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन
हेतु स्कॉलरशिप की सुविधा उपलब्ध है,
जिसमें राधाकृष्णन ब्रिटिश चिवनिंग स्कॉलरशिप,
लेडी नून ट्रस्ट स्कॉलरशिप प्रमुख हैं। इसके
अलावा रोड्स स्कॉलरशिप 6 भारतीय छात्रों
को दी जाती है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली
स्कॉलरशिप से संबंधित विस्तृत जानकारी हेतु वेबसाइट
www.ox.ac.uk लॉग ऑन करें।
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मल्टीमीडिया क्या है?
इस क्षेत्र में
कॅरियर के क्या अवसर हैं?
यह कोर्स कहाँ
से किया जा सकता है?
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नईम खान,
भोपाल
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जैसा कि नाम से ही
जाहिर है मल्टीमीडिया यानी कंटेंट और सूचना के कई माध्यमों का एक साथ
मिलकर बना एक नया माध्यम। टेक्स्ट,
ऑडियो, ग्राफिक्स,
एनिमेशन, वीडियो और
इंटरेक्टिविटी को मिलाकर बना है मल्टीमीडिया। मल्टीमीडिया का आजकल
प्रिंट, टेलीविजन,
सिनेमा, विज्ञापनों,
इंटरनेट, बिजनेस
प्रजेंटेशन, सॉफ्टवेयर इंटरफेज,
वीडियो गेमिंग और शिक्षा जैसे तमाम क्षेत्रों में
उपयोग हो रहा है। मनोरंजन उद्योग के विकास में आने वाले दिनों में भी
मल्टीमीडिया का अहम योगदान रहेगा। इस क्षेत्र में भारत के आगे रहने
का प्रमुख कारण एनिमेशन में महारत होना है। नैसकॉम की एक रिपोर्ट के
अनुसार आने वाले दो वर्षों में ही एनिमेशन का क्षेत्र 35
फीसदी की दर से विकसित होकर 9500
लाख रुपए के ऑंकड़े को छू सकता है। मल्टीमीडिया के
क्षेत्र में बारहवीं के बाद प्रवेश लिया जा सकता है। मल्टीमीडिया
इंडस्ट्री में कॅरियर की संभावनाओं का अंदाजा गली-मोहल्ले में खुलते
जा रहे मल्टीमीडिया ट्रेनिंग इंस्टीटयूट की संख्या को देखकर लगाया जा
सकता है लेकिन सभी संस्थाओं में अच्छी सुविधाएँ हों,
यह भी जरूरी नहीं है। युवाओं को इस क्षेत्र में
प्रतिष्ठित संस्थान से शॉर्ट टर्म या फिर पार्ट टाइम कोर्सेस के बजाय
लंबी अवधि के कोर्स को ज्वॉइन करना चाहिए,
क्योंकि मल्टीमीडिया में नौकरी के लिए सर्टिफिकेट से ज्यादा महत्व
डिग्री का है। मल्टीमीडिया से जुड़े प्रमुख पाठयक्रम निम्न संस्थानों
में उपलब्ध हैं- इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर,
आईआईटी, मुंबई,
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन,
पालदी, अहमदाबाद,
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया,
पुणे, माया एकेडमी ऑफ
एडवांस्ड सिनेमेटिक्स, इंदौर,
मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में स्थित एरेना
मल्टीमीडिया।
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मौसम विज्ञान में पाठयक्रम करना चाहता हूँ। कृपया मार्गदर्शन प्रदान
करें।
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चंचल गोस्वामी,
ग्वालियर
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जो युवा मौसम
विज्ञान में डिप्लोमा- स्नातकोत्तर पाठयक्रम करना चाहते हैं,
उनके पास भौतिक एवं गणित विषयों के साथ स्नातक
डिग्री होना जरूरी है। मौसम विज्ञान पाठयक्रम में उम्मीदवारों का चयन
प्रवेश परीक्षा के द्वारा होता है। यह प्रवेश परीक्षा अखिल भारतीय
स्तर की होती है, जिसमें मेरिट के आधार
पर विद्यार्थियों को विभिन्न राज्यों के कॉलेजों-यूनिवर्सिटी में
प्रवेश दिया जाता है। भारतीय मौसम विज्ञान में इस क्षेत्र के
विशेषज्ञों को सबसे ज्यादा नौकरी के अवसर मिलते हैं। इसके अलावा लोक
निर्माण विभाग, विद्युत,
डाकतार विभाग व रेलवे जैसे कुछ सार्वजनिक
उपक्रमों में भी मौसम विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाती है साथ ही
सशस्त्र सेना, नौ सेना व वायु सेना में भी
मौसम संबंधित जानकारी के लिए मौसम वैज्ञानिकों की जरूरत होती है।
मौसम विज्ञान से संबंधित पाठयक्रम निम्न संस्थानों मे उपलब्ध हैं-
सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक एंड ओशोनिक साइंस,
आईआईएम, बैंगलूर,
कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी,
कोचीन, केरल,
पंजाब विश्वविद्यालय,
पटियाला, पंजाब,
शिवाजी विश्वविद्यालय,
विजयनगर, कोल्हापुर,
महाराष्ट्र, आईआईटी,
दिल्ली।
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मैं एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहती हूँ। कृपया
जानकारी प्रदान करें।
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कपिला वर्मा,
विदिशा
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वर्तमान युग
एडवरटाइजिंग का युग है। बाजारों में बढ़ते अपने उत्पादों को लोकप्रिय
बनाने के लिए रणनीतिबध्द विज्ञापन की आवश्यकता के मद्देनजर
एडवरटाइजिंग पाठयक्रमों को व्यावसायिक पाठयक्रमों के रूप में
परिवर्तित कर दिया है। एडवरटाइजिंग पाठयक्रमों के बाद कॅरियर के
रास्ते पर अच्छे अवसर निर्मित हो जाते हैं। मध्यप्रदेश के
विश्वविद्यालयों में भी एडवरटाइजिंग के पाठयक्रम छात्रों के लिए
उपलब्ध हैं,
जो सामान्यत: स्नातक उपाधि धारकों के लिए हैं।
एडवरटाइजिंग से जुड़े प्रमुख पाठयक्रम इन संस्थानों में उपलब्ध हैं-
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देवी अहिल्या
विश्वविद्यालय,
इंदौर।
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नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ
डिजाइन,
अहमदाबाद।
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इंडियन इंस्टीटयूट
ऑफ मास कम्युनिकेशन,
नई दिल्ली।
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कलकत्ता
विश्वविद्यालय,
कोलकाता।
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सुलेमान अंसारी,
बुरहानपुर
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रंगमंच एवं दृश्य
कलाओं से संबंधित प्रमुख संस्थान हैं- फिल्म और टेलीविजन संस्थान,
पुणे, राष्ट्रीय नाटय
कला अकादमी, नई दिल्ली,
भारतेंद्र नाटय कला अकादमी,ए-
258, विशाल खंड-2
गोमती नगर, लखनऊ,
नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स,
मुंबई।
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मैं आठवीं कक्षा का छात्र/छात्रा हूँ। मुझे गणित विषय बहुत कठिन लगता
है। कृपया बताएँ कि गणित को कैसे समझा जाए?
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अनिल कंसाना,
मुरैना,
पूजा कुकरेजा,
नीमच
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आपके जैसे बहुत से
छात्र/छात्राएँ हैं,
जिन्हें गणित विषय बहुत कठिन लगता है। इसलिए
घबराएँ नहीं बल्कि गणित विषय पर और अधिक ध्यान दें तथा बार-बार गणित
के सवालों का अभ्यास करेंगे तो धीरे-धीरे यही कठिन लगने वाला विषय
आपको आसान लगने लगेगा। ध्यान रखें कि जब भी आप अभ्यास करें तो लिखकर
एवं बोल-बोलकर लिखें। इससे आपको गणित के फॉर्मूले आसानी से याद हो
जाएँगे तथा गणित आपको बहुत ही आसान लगने लगेगा।
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एनिमेशन कार्टूनिंग का कोर्स कराने वाले देश के प्रतिष्ठित संस्थानों
की जानकारी प्रदान करें-
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अनिरुध्द श्रीवास्तव,
खरगौन
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एनिमेशन कार्टूनिंग
का कोर्स कराने वाली प्रमुख संस्थाएँ हैं- दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट,
तिलक मार्ग, नई दिल्ली,
सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट,
मुंबई, नेशनल
इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन, पाल्दी,
अहमदाबाद।
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जल संरक्षण एवं प्रबंधन का पाठयक्रम किन संस्थानों में उपलब्ध है?
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ध्रुव ऑंचलिया,
भिंड
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जल संरक्षण व
प्रबंधन के प्रमुख पाठयक्रम एवं संबंधित संस्थान हैं- मास्टर ऑफ
इंजीनियरिंग (जल विज्ञान एवं जल प्रबंधन),
इंजीनियरिंग कॉलेज,
रायपुर, (छ.ग.),
बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (जल प्रबंधन),
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग,
दिल्ली।
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एग्रीकल्चर
मैटीरियोलॉजी क्या है?
इससे संबंधित
पाठयक्रम कहाँ उपलब्ध हैं?
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प्रणव बनर्जी,
मुरैना
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खेती की प्रचुरता और
गुणवत्ता मानसून,
बीज, खाद,
टेक्नोलॉजी और किसान की खेती की तकनीक पर निर्भर
करती है। इनमें से एक भी पक्ष दुर्बल होने पर फसल बर्बाद हो सकती है।
आज एग्रीकल्चर मैटीरियोलॉजी इन सभी पहलुओं को मजबूत रखने में मदद
करती है। इसके अलावा फसल का उत्पादन कैसे बढ़ाया जाए,
इसके तहत इसका भी पूरा ख्याल रखा जाता है। चूँकि
भारत की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि है इसलिए एग्रीकल्चर
मैटीरियोलॉजी आज एक अच्छे कॅरियर विकल्प के रूप में देखी जा रही है।
एग्रीकल्चर मैटीरियोलॉजी का मुख्य कार्य कृषि के क्षेत्र में शोध
करना है। इसके तहत फसलों के उत्पादन आदि पर प्रभाव डालने वाले प्रमुख
कारक जलवायु, मौसम,
फसलों में लगने वाली बीमारी और तापमान आदि के
बारे में किसानों को जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। एग्रीकल्चर
मैटीरियोलॉजी का कोर्स करने के लिए 12वीं
की परीक्षा साइंस बायोलॉजी या कृषि विषयों के साथ उत्तीर्ण होना
जरूरी है। एग्रीकल्चर मैटीरियोलॉजी का कोर्स करने के बाद रोजगार के
काफी उजले अवसर मौजूद हैं। एग्रीकल्चर मैटीरियोलॉजी का कोर्स इन
संस्थानों में उपलब्ध है-
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जवाहरलाल नेहरू कृषि
विश्व-विद्यालय,
जबलपुर।
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इंदिरा गाँधी कृषि
विश्वविद्यालय,
रायपुर।
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गोविंदवल्लभ पंत
यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नो-लॉजी,
पंतनगर, उत्तराखंड।
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सीसीएस हरियाणा
एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी,
हिसार।
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