l
मैं मूर्तिकला
के क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहता हूँ। कृपया मार्गदर्शन प्रदान करें।
-
राधेश्याम मंडलोई, खंडवा
q
मूर्तिकला शिल्प की एक प्राचीन विधा है, जिसमें मूर्तिकार विशेष औजारों से
अपनी कल्पना को नायाब आकृति के रूप में ढालता है। कोई भी शिल्पकार अपने
शिल्प को लकड़ी, धातु या मिट्टी जैसे माध्यमों से खास आकार देता है। इसमें
स्मारक, कीर्तिस्तंभ, मानव मूर्ति और अन्य अनेक प्रकार का शिल्प शामिल है।
एक मूर्तिकार सामान्यत: मूर्तियाँ बनाने के लिए सीमेंट कंकरीट, सफेद ताँबा,
प्लास्टर ऑफ पेरिस या मिट्टी का प्रयोग करता है। वर्तमान में समुद्र के
किनारे रेत से तथा बर्फीले क्षेत्रों में बर्फ से मूर्तियाँ बनाने का चलन
भी जोरों पर है और अब तो मोम की मूर्तियाँ भी बनाई जाने लगी हैं। इसलिए आज
देश के साथ-साथ विदेशों में भी मूर्तिकारों के लिए रोजगार के असीमित अवसर
उपलब्ध हैं। बारहवीं कक्षा के बाद आप मूर्तिकला में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट की
डिग्री ले सकते हैं। इसके लिए
50
प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना
आवश्यक है। अभिरुचि परीक्षा में उत्तीर्ण होने के पश्चात इस पाठयक्रम में
प्रवेश मिल पाता है। बैचलर ऑफ फाइन आर्ट में
50
प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद आप मास्टर ऑफ फाइन आर्ट की
डिग्री ले सकते हैं। अनेक संस्थानों द्वारा मूर्तिकला के क्षेत्र में
डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाते हैं। मूर्तिकला के क्षेत्र में अवसरों की कोई
कमी नहीं है। जिन लोगों का प्राकृतिक रूप से कला की ओर झुकाव हो, वे अपनी
कला को विकसित कर मूर्तिकला के क्षेत्र में महारत हासिल कर अपना नाम चमका
सकते हैं। मूर्तिकला में विशेषज्ञता प्राप्त करने के बाद किसी सरकारी अथवा
निजी स्कूल एवं कॉलेज में क्राफ्ट शिक्षक के रूप में कार्य किया जा सकता
है। विभिन्न संग्रहालयों में मूर्तियों के मेंटेनेंस के लिए भी मूर्तिकारों
को रखा जाता है। कलाकार स्वतंत्र रूप से कार्य करके विभिन्न प्रकार के
डिजाइन बनाकर एक साथ कई लोगों और संस्थानों के लिए डिजाइनिंग का काम कर सकते
हैं। मूर्तिकार अपनी आर्ट गैलरी भी खोल सकते हैं, जिसमें अपने डिजाइन और
मूर्तियों को अपनी इच्छानुसार बेच सकते हैं। मूर्तिकला से संबंधित
प्रशिक्षण देने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-
-
फाइन आर्ट कॉलेज, एमजी रोड, इंदौर।
-
इंदौर
पब्लिक एकेडमी, इंदौर।
-
जे.जे.
स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई।
-
कॉलेज
ऑफ आर्ट, तिलक मार्ग, नई दिल्ली।
-
एम.एल.
बड़ौदा विश्वविद्यालय, बड़ौदा, गुजरात।
-
विश्वभारती
विश्वविद्यालय, शान्तिनिकेतन, पश्चिम बंगाल।
-
कुरुक्षेत्र
विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र, हरियाणा।
q
इवेंट मैनेजमेंट के
क्षेत्र में कॅरियर की क्या संभावनाएँ हैं? इवेंट मैनेजमेंट का पाठयक्रम कहाँ
से किया जाना उपयुक्त होगा?
-
राजीव सांकला, निवाड़ी, (टीकमगढ़)
l
आप और हम आए दिन बड़े-बड़े कार्यक्रमों की खबरें समाचार पत्रों
में पढ़ते रहते हैं। इस तरह के भव्य आयोजनों की व्यवस्था करना इवेंट
मैनेजमेंट या आयोजन प्रबंधन कहलाता है। इस तरह के आयोजनों की सफलता के पीछे
जिन लोगों की कड़ी मेहनत होती है, वे इवेंट मैनेजर कहे जाते हैं। वर्तमान
समय में इवेंट मैनेजमेंट जनसंचार के क्षेत्र में तेजी से उभरते हुए कॅरियर
के रूप में सामने आ रहा है। इवेंट मैनेजमेंट के पाठयक्रमों के लिए शैक्षणिक
योग्यता किसी भी विषय के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना है, जबकि पीजी
डिप्लोमा के लिए स्नातक होना आवश्यक है। इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के
इच्छुक छात्रों की इंग्लिश लैंग्वेज पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। कोर्स पूरा
करने के बाद इस क्षेत्र में कई तरह के कार्यों के भरपूर अवसर उपलब्ध हैं।
चाहें तो आप अपनी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी भी खोल सकते हैं। यह क्षेत्र भले
ही चुनौतीपूर्ण हो, लेकिन इसमें कमाई अच्छी है। इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र
में कॅरियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं को जनसंचार में लिया गया डिप्लोमा
भी काम दिलाने में सहायक सिध्द होता है। इवेंट मैनेजमेंट से संबंधित
पाठयक्रम इन संस्थानों में उपलब्ध हैं- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर,
नेशनल स्कूल ऑफ इवेंट, इंदौर। यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे, पुणे। सिम्बायोसिस
इंस्टीटयूट ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, पुणे।
q
कॉस्मेटोलॉजी के
क्षेत्र में रोजगार के क्या अवसर हैं? यह कोर्स कहाँ से किया जा सकता है?
-
विजय भसीन, तामिया (छिंदवाड़ा)
l
सौंदर्य की देखभाल की कला व विज्ञान को कॉस्मेटोलॉजी कहते
हैं। कॉस्मेटोलॉजी में चर्म रोग, दंत रोग, आहार व अन्य जरूरी जानकारियों के
बारे में बताया जाता है। इस कला व विज्ञान के द्वारा इलाज व सुरक्षा देकर
त्वचा, बालों, नाखून व दांतों में सुधार किया जाता है। कॉस्मेटोलॉजी का
कोर्स करने के बाद विभिन्न प्रकार के रोजगार शुरू किए जा सकते हैं, जैसे-
हेयर डिजायनर, एजुकेटर, एसथिशियन, मेकअप आर्टिस्ट, मैनीक्यूरिस्ट, सैलून
मैनेजर, रिसर्च स्पेशलिस्ट, ब्यूटी मैग्जीन रायटर, लेजर थैरेपिस्ट, मसाज
थैरेपिस्ट, ब्यूटी थैरेपिस्ट, डेन्टल कॉस्मेटोलॉजिस्टर, ब्यूटी काउंसलर,
माइक्रोडर्मसियन विशेषज्ञ आदि। कॉस्मेटोलॉजी का कोर्स करने के उपरांत स्वयं
का स्वरोजगार भी प्रारंभ किया जा सकता है। कॉस्मेटोलॉजी का कोर्स बारहवीं
के बाद किया जा सकता है। यह कोर्स इन संस्थानों में उपलब्ध है-
-
ग्लोबल
इंस्टीटयूट, जनकपुरी, नजफगढ़ रोड, नई दिल्ली।
-
वीएलसीसी,
सप्रू मार्ग, लखनऊ।
-
कॉस्मेटिक
लेजर सेंटर, हेल्थकेयर लिमिटेड, लाजपत नगर, नई दिल्ली।
-
डेंटल
एंड कॉस्मेटिक रिसर्च इंस्टीटयूट, बी-83,
निराला नगर, लखनऊ।
q
प्लास्टिक इंजीनियरिंग
की शिक्षा कहाँ से प्राप्त की जा सकती है?
-
पंकज माहेश्वरी, सीहोर
l
प्लास्टिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अध्ययन के लिए
सेंट्रल इंस्टीटयूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एक प्रतिष्ठित
संस्थान है। इसका मुख्यालय चेन्नई में है तथा भोपाल, लखनऊ, अमृतसर,
अहमदाबाद, हैदराबाद, भुवनेश्वर, मैसूर, पटना, गोआ और इम्फाल में भी इसकी
शाखाएँ हैं। यहाँ पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्लास्टिक मोल्ड मेकिंग
टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन प्लास्टिक मोल्ड टेक्नोलॉजी, पोस्ट डिप्लोमा इन
प्लास्टिक मोल्ड डिजाइन, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेस्टिंग
एंड कनवरजन टेक्नोलॉजी पाठयक्रम उपलब्ध हैं। इसके अलावा विभिन्न
इंजीनियरिंग कॉलेजों, पोलीटेक्निक कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में भी
प्लास्टिक इंजीनियरिंग के अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है।
q
कृपया उद्यान विज्ञान
की शिक्षा और रोजगार के अवसरों के बारे में मार्गदर्शन दें।
-
प्रवीण जैन, लालबर्रा (बालाघाट)
l
हमारे देश के बहुत सारे विश्वविद्यालयों में बागवानी और इससे
जुड़े कई और पाठयक्रम उपलब्ध हैं। एमएससी, बीएससी कृषि (बागवानी) में करने
के बाद सरकारी विभागों में कृषि वैज्ञानिक चयन बोर्ड के जरिए ली जाने वाली
परीक्षा के बाद वैज्ञानिक के पदों पर भर्ती के अवसर हैं। लेक्चरार, रीडर,
कृषि केंद्रों में ऑर्गेनाइजर के पद भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा राज्य लोक
सेवा आयोग के जरिए उद्यान अधिकारी, कृषि अधिकारी, तकनीकी अधिकारी, फल व
सब्जी निरीक्षक, उद्यान पर्यवेक्षक, कृषि विकास अधिकारी आदि के पदों पर
भर्ती की संभावनाएँ भी रहती हैं। प्रमुख विश्वविद्यालय जहाँ बागवानी में
अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है, वे हैं-
-
मध्यप्रदेश
के विभिन्न कृषि महाविद्यालय।
-
चौधरी
चरणसिंह विश्वविद्यालय, मेरठ।
-
बी.आर.
आम्बेडकर विश्व-विद्यालय, आगरा।
-
नरेंद्र
देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद।
q
एकिस्टिक्स क्या है?
एकिस्टिक्स का पाठयक्रम कहाँ से किया जा सकता है?
-
महेन्द्रसिंह यादव, इंदौर
l
एकिस्टिक्स विज्ञान की वह शाखा है, जिसके पास शहर की बिगड़ती
व्यवस्था को सही कर योजनाबध्द ढंग से ह्यूमन सेटलमेंट की दिशा में कार्य
करने की पूरी विधि है। शहरों व नगर-कस्बों की गैर योजनाबध्द ढंग से निर्मित
टाउनशिप प्लानिंग की खामियों पर बहुआयामी शोध कार्य द्वारा ह्यूमन सेटलमेंट
की जटिलताओं को दूर करने में सहयोग करना ही एकिस्टिक्स का कार्यक्षेत्र है।
एकिस्टिक्स यानी आर्किटेक्चर में स्पेशलाइजेशन की प्रायवेट क्षेत्रों में
तो भारी डिमांड है, साथ ही पब्लिक क्षेत्रों व विदेशों में भी कॅरियर की
ढेरों संभावनाएँ हैं। एकिस्टिक्स में मास्टर प्रोग्राम हेतु आवेदनकर्ता के
बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर व इसके समकक्ष कोर्स में न्यूनतम
60
प्रतिशत अंक होने चाहिए। यह पाठयक्रम जामिया मिलिया
इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में उपलब्ध है।
q
क्या विज्ञान पत्रकारिता
का कोर्स रोजगारोन्मुखी है? विज्ञान पत्रकारिता के कोर्स हेतु प्रमुख
प्रशिक्षण संस्थानों की जानकारी दें।
-
उर्वशी खीची, कुण्डम (जबलपुर)
l
वर्तमान समय में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया काफी तेजी
से बढ़ा है। इस क्षेत्र में भविष्य सँवारने के लिए विज्ञान पत्रकारिता बेहतर
कॅरियर विकल्प है। सरकारी व निजी चैनलों, न्यूज चैनलों, डिस्कवरी व नेशनल
ज्योग्रॉफिक चैनलों पर विज्ञान पृष्ठभूमि से जुड़े कई कार्यक्रमों का
प्रसारण किया जाता है। प्रिंट मीडिया में भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विषयों
पर पर्याप्त सामग्री प्रकाशित की जाती है। विज्ञान पृष्ठभूमि के छात्र
विज्ञान पत्रकारिता में बैचलर डिग्री, पीजी डिप्लोमा तथा डिप्लोमा पाठयक्रम
कर सकते हैं। इस हेतु प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान इस प्रकार हैं-
-
स्कूल
ऑफ फ्यूचर स्टडीज, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर।
-
इंस्टीटयूट
ऑफ मास कम्युनिकेशन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ।
-
डिपार्टमेंट
ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, कामराज यूनिवर्सिटी, मदुरई।
q
व्यावसायिक परीक्षा
मंडल भोपाल द्वारा आयोजित योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मध्यप्रदेश के
अन्तर्गत अन्वेषक खंड स्तर अन्वेषक चयन परीक्षा-2009
में किस प्रकार
के प्रश्न पूछे जाएँगे? इन प्रश्नों की तैयारी हेतु मॉडल प्रश्न किस मासिक
पत्रिका में देखे जा सकते हैं?
-
राहुल भावसार, खुडैल (इन्दौर)
l
व्यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित अन्वेषक खंड
स्तर अन्वेषक चयन परीक्षा-2009
में
100
वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएँगे, जिसमें सामान्य ज्ञान के
30,
कम्प्यूटर ज्ञान के
10,
सांख्यिकी ज्ञान के
20
तथा विषय विशेष के
40
प्रश्न पूछे जाएँगे। इन प्रश्नों की तैयारी हेतु मॉडल
प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं की मासिक पत्रिका प्रतियोगिता निर्देशिका के
सितंबर-2009
अंक में देखे जा सकते हैं।
q
मैं भारतीय तटरक्षक बल
में नाविक बनना चाहता हूँ। इस हेतु शैक्षणिक योग्यता क्या निर्धारित है? इस
हेतु कहाँ संपर्क किया जाना चाहिए?
-
गोपाल राजपूत, बड़वानी
l
दसवीं उत्तीर्ण अभ्यर्थी जिनकी आयु
22
वर्ष से अधिक न हो, वे नाविक के तौर पर जनरल डयूटी ब्रांच
में शामिल हो सकते हैं। इस हेतु उम्मीदवार की शारीरिक योग्यता भी देखी जाती
है। विस्तृत जानकारी के लिए आप निदेशक (प्रशिक्षण) रिक्रूटमेंट सेल, कोस्ट
गार्ड हैड क्वॉर्टर, नेशनल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली -110001
से संपर्क करें अथवा वेबसाइट
www.
indiacostguard.org
पर
लॉग ऑन करें।
q
कृपया मुझे संघ लोक सेवा
आयोग, नई दिल्ली का वेबसाइट पता बताइए।
-
दीक्षा गंगराडे, रतलाम
l
संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली का वेबसाइट पता इस प्रकार है-
वेबसाइट
www.upsc.gov.in
q
फुटवेयर निर्माण का
प्रशिक्षण मध्यप्रदेश में कहाँ से प्राप्त किया जा सकता है?
-
अरुण वर्मा, रायसेन
l
फुटवेयर निर्माण के प्रशिक्षण के लिए मध्यप्रदेश हस्तशिल्प
विकास निगम, हमीदिया रोड, भोपाल से संपर्क करें।
q
क्या दसवीं कक्षा
उत्तीर्ण करने के बाद कॉस्ट अकाउंटेन्ट का कोर्स किया जा सकता है?
-
रजनी मोरे, सागर
l
दि इंस्टीटयूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंट्स ऑफ इंडिया ने
हाल ही में निर्णय लिया है कि अब कॉस्ट अकाउंटेंट के रजिस्ट्रेशन भी दसवीं
पास करने के बाद हो सकेंगे। इसके लिए उम्मीदवार को कॉमन प्रॉफिशिएंसी टेस्ट
की तर्ज पर एग्जाम देना होगा।
q
पत्राचार माध्यम से
मानवाधिकार में प्रमाण पत्र पाठयक्रम कहाँ से किया जा सकता है?
-
क्षितिज देशमुख, बुरहानपुर
l
पत्राचार माध्यम से मानवाधिकार में प्रमाण पत्र पाठयक्रम
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से किया जा सकता है। इस हेतु
आप क्षेत्रीय केंद्र, तीसरी मंजिल, साँची कॉम्प्लेक्स, शिवाजी नगर, भोपाल
से संपर्क करें।
q
पत्राचार माध्यम से
एम.फिल. डिग्री किन-किन विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है? क्या म.प्र. लोक
आयोग द्वारा ली जाने वाली सहायक प्राध्यापकों की भर्ती परीक्षा हेतु इसे
मान्यता दी जाती है?
-
अशोक अहिरवार, सतना
l
हाल ही में
यूजीसी ने पत्राचार माध्यम से एम.फिल. की डिग्री पर रोक लगा दी है। इस
प्रकार पत्राचार माध्यम से अब एम.फिल. की डिग्री नहीं की जा सकेगी। म.प्र.
लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली सहायक प्राध्यापक परीक्षा हेतु भी
पत्राचार माध्यम से की गई इस डिग्री की मान्यता नहीं होगी।
n
रूरल मैनेजमेंट क्या है? इस क्षेत्र में कॅरियर की क्या
संभावनाएँ हैं? रूरल मैनेजमेंट का पाठयक्रम कहाँ से किया जा सकता है?
-
ऋषि निगम, इंदौर,
दीक्षा उपाध्याय, होशंगाबाद
l
भारत को गाँवों का देश कहा जाता है। देश और दुनिया की
जानी-मानी कंपनियाँ भी अब यह महसूस करने लगी हैं कि भारतीय ग्रामीण बाजार
काफी बड़ा है और इसमें कारोबार की तमाम उजली संभावनाएँ मौजूद हैं, जिनका लाभ
उठाया जाना अभी बाकी है। मामला चाहे गाँवों में उद्योग लगाने का हो, वस्तुएँ
अथवा सेवाएँ बेचने का हो या फिर गाँवों के लिए नई प्रौद्योगिकी विकसित करने
का, सभी में इन दिनों चहल-पहल देखने को मिल रही है। गाँवों और ग्रामीण
बाजार पर इस नए फोकस से कॅरियर के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। यही कारण है
कि ग्रामीण प्रबंधन एवं मार्केटिंग के जानकारों की इन दिनों भारी माँग है।
गाँवों की जरूरतें शहरों जैसी नहीं हैं इसलिए इन इलाकों के लिए योजना एवं
नीतियाँ तैयार करने में उनकी विशिष्टताओं का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। अत:
यह विशेषता का क्षेत्र है और इन विशेषताओं को हासिल कर कॅरियर के बहुत से
दरवाजे खुल जाते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ गाँवों में अपने उत्पादनों की
बिक्री बढ़ाने की जबरदस्त कोशिश कर रही हैं। आईटीसी ने देश के अलग-अलग हिस्सों
के ग्रामीण इलाकों में ई-चौपाल खोलकर जिस प्रयोग को शुरू किया था उसकी सफलता
से हम सभी परिचित हैं। अच्छे संस्थान से ग्रामीण प्रबंधन या संबंधित
पाठयक्रम पूरा करने वाले विद्यार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट आसानी से मिलने
लगा है और यदि वे महत्वाकांक्षी हैं तो आगे चलकर उच्च स्तरीय कॅरियर भी अपना
सकते हैं। रूरल मैनेजमेंट का कोर्स स्नातक के उपरांत किया जा सकता है।
रूरल मैनेजमेंट का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-
u
इंस्टीटयूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आणंद, गुजरात।
u
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद लखनऊ।
u
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, जयपुर।
u
गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद।
u
जेवियर इंस्टीटयूट ऑफ सोशल साइंसेज, रांची।
u
जेवियर इंस्टीटयूट ऑफ डेवलपमेंट एक्शन एंड स्टडीज, जबलपुर।
u
नरसी मोनजी इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई।
u
आर.ए. पोद्दार इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट, जयपुर।
n
फूड साइंस क्या है? इस क्षेत्र में रोजगार के क्या अवसर
हैं? फूड साइंस का पाठयक्रम कहाँ से किया जा सकता है?
-
तन्मय श्रीवास, खजुराहो (छतरपुर)
l
भागमभाग भरी जिंदगी और दिनों-दिन बढ़ती आबादी के दबाव के बीच
मनुष्य को स्वस्थ रखने की चुनौती का नाम है फूड साइंस। सेवा और सूचना तकनीक
क्षेत्र के बाद यह रोजगार देने वाला सबसे बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है। फूड
साइंस के कई आयाम हैं। इसमें फसलों की उत्पादन तकनीक, मनुष्य का स्वास्थ्य
और फूड पैकिंग आदि अलग-अलग क्षेत्र हैं। पदार्थों को खाने योग्य बनाना और
उसके आवश्यक तत्वों की जाँच करना भी इसके अंतर्गत आता है। फूड साइंस एंड
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रवेश के लिए इच्छुक छात्र का विज्ञान
विषयों-भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान या गणित के साथ न्यूनतम
50
फीसदी अंकों के साथ बारहवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
स्नातकोत्तर स्तर के पाठयक्रम में प्रवेश के लिए आवश्यक योग्यता फूड साइंस
में स्नातक है। इस क्षेत्र में रोजगार के बहुत उजले अवसर विद्यमान हैं। फूड
साइंस का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-
u
गोविंद वल्लभ पंत विश्वविद्यालय, पंतनगर।
u
दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली।
u
चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय, हिसार।
u
मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर।
u
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी।
u
आईआईटी, खड़गपुर।
n
साइबर लॉ के क्षेत्र में रोजगार के क्या अवसर हैं? साइबर लॉ
से जुड़ä
कोर्स कहाँ से किए जा सकते हैं?
-
अनिरुध्द खाबिया, मुरैना
l
कॅरियर निर्माण के लिए ऐसे क्षेत्र के चयन की आवश्यकता होती
है, जिनकी माँग भविष्य में भी बनी रहे साथ ही साथ उस क्षेत्र में बेरोजगारों
की भीड़ भी कम हो। ऐसा ही एक क्षेत्र है- साइबर लॉ। भारत में तकनीकी क्रांति,
सूचना क्रांति, बीपीओ बूम और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित नियमों के
सरलीकरण के बाद विदेशी कंपनियों का भारत में तांता-सा लग गया है। ऐसे में
कॉर्पोरेट वकीलों और साइबर लॉ विशेषज्ञों की जबरदस्त माँग है। इस दृष्टि से
भी कॅरियर निर्माण के लिए यह क्षेत्र काफी अच्छा साबित हो रहा है। साइबर लॉ
से संबंधित कोर्स करने के बाद विभिन्न विश्वविद्यालयों, लॉ फर्म्स,
अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और सरकारी विभागों में साइबर अनुसंधान के क्षेत्र
में, सुरक्षा संबंधी कार्यों में लगी कंपनियों और केंद्रीय व राज्य पुलिस
सेवा में, विभिन्न आपराधिक एवं धोखाधड़ी के मामलों में ग्राहकों को सलाह देने
के लिए साइबर लॉ कन्सल्टेंट के रूप में, ई-कॉमर्स, तकनीकी हस्तांतरण आदि
मामलों में, कांट्रेक्ट ड्राफ्टिंग में, साइबर-लीगल आर्डर क्षेत्र में,
बैंक व आईटी कंपनियों में कॅरियर के बहुत उजले अवसर विद्यमान हैं। साइबर लॉ
से संबंधित विभिन्न पाठयक्रमों हेतु शैक्षणिक योग्यता बारहवीं से लेकर
स्नातक है। साइबर लॉ से जुड़े प्रमुख रोजगारोन्मुखी पाठयक्रम इन संस्थानों
में उपलब्ध हैं-
u
एशियन स्कूल ऑफ साइबर लॉ, पुणे।
u
गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई।
u
केएलई सोसायटी लॉ कॉलेज, बेंगलुरु।
n
कैट की तैयारी किस प्रकार की जा सकती है?
-
दीपिका शर्मा, भोपाल,
रघुवंश सिंह, बुरहानपुर,
मोहम्मद यूनुस खान, पन्ना
l
प्रबंधन के क्षेत्र में कॅरियर बनाने की चाह रखने वाले
युवाओं की कोशिश होती है कि वे देश के सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन संस्थान यानी
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) से यह डिग्री हासिल करें। आईआईएम
में प्रवेश के लिए कैट (कॉमन एडमिशन टेस्ट) परीक्षा आयोजित की जाती है। इस
वर्ष से कैट परीक्षा ऑनलाईन ली जाएगी। कैट परीक्षा की तैयारी की बात करें
तो आमतौर पर युवाओं के बीच यह बेहद मुश्किल मानी जाती है। इस एग्जाम की सबसे
बड़ी खासियत यह है कि इसमें किताबी ज्ञान की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं रहती
है। इसके लिए उम्मीदवार को अचानक आई समस्या से निपटना आना चाहिए। आईआईएम भी
इस परीक्षा को ज्यादा से ज्यादा अनप्रेडिक्टेबल बनाए रखना चाहते हैं, इसलिए
कैट एग्जाम में कामयाबी का मूलमंत्र है- योजनागत प्रयास। कैट एग्जाम को
अनिश्चितताओं से भरा एक खेल कह सकते हैं क्योंकि इसमें सवालों की संख्या,
उनकी मार्किंग, नेगेटिव मार्किंग, मेरिट लिस्ट आदि के विषय में पहले से कुछ
भी नहीं कहा जा सकता है। आमतौर पर प्रश्नपत्र तीन भागों में बँटा होता है-क्वांटिटेटिव
एप्टीटयूट, इंग्लिश यूजेज और डाटा इंटरप्रिटेशन। सवालों की कुल संख्या
90
से
150
तक
कुछ भी हो सकती है। मेरिट लिस्ट में जगह पाने के लिए तीनों ही सेक्शन में
मिनिमम क्वालिफाइंग मार्क्स लाना जरूरी है। क्वांटिटेटिव एप्टिटयूट से जुड़े
सवाल दसवीं स्तर तक के होते हैं, लेकिन इन्हें घुमा-फिराकर पूछा जाता है।
इस भाग में जिन कान्सेप्ट पर आधारित सवाल पूछे जाते हैं, उनमें शामिल हैं-
नंबर सिस्टम, ज्यामिति मेंसुरेशन, परम्यूटेशन, कॉम्बिनेशन, लीनियर व
क्वाड्रेटिक इक्वेशन। अंग्रेजी कैट का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। इसमें
अंग्रेजी के इस्तेमाल से जुड़े और स्टूडेंट्स की रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन की
क्षमता का आकलन करने वाले प्रश्न शामिल होते हैं। डाटा इंटरप्रिटेशन के
जरिए स्टूडेंट्स की रीजनिंग एबिलिटी जाँची जाती है। इस भाग को मुख्यत: तीन
तरह के सवालों वाले भाग के रूप में बाँटा जाता है। कुछ सवाल एनालिटिकल और
लॉजिकल रीजनिंग पर आधारित होते हैं जबकि कुछ सवालों के हल दिए गए टेबल या
ग्राफ की सहायता से माँगे जाते हैं। इस परीक्षा में आपकी मेहनत और सूझबूझ
ही वह मंत्र है जिसके बलबूते आप इस परीक्षा में सफल हो सकते हैं। लिखित
परीक्षा के उपरांत ग्रुप डिस्कशन एवं इंटरव्यू लिया जाता है। इंटरव्यू के
दौरान दसवीं, बारहवीं एवं स्नातक स्तर पर प्राप्त अच्छे अंक भी आपको मेरिट
में स्थान दिलाने में बहुत उपयोगी होते हैं। कैट के प्रति युवाओं के बढ़ते
रुझान के कारण आज इस एग्जाम की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों की बाढ़-सी
आ गई है। इन संस्थानों की ओर से किए जाने वाले झूठे दावों के फेर में फंसकर
हजारों युवा अपने भविष्य को संकट में डाल देते हैं। यदि आप स्तरीय अध्ययन
संदर्भों से दिन में छह से सात घंटे एकाग्रचित होकर पढ़ सकते हों तो कोचिंग
सेंटर्स में जाने की आवश्यकता ही नहीं है। मौटे तौर पर इन सभी बातों को
ध्यान में रखकर योजना बनाकर कैट की तैयारी करें, तो सफलता अवश्य ही मिलेगी।
n
मैं आगामी भारतीय स्टेट बैंक लिपिक संवर्ग भर्ती परीक्षा-2009
की तैयारी कर रहा/रही हूँ। कृपया मुझे बताएँ कि इस परीक्षा
से संबंधित मॉडल टेस्ट पेपर प्रतियोगी परीक्षाओं की किन मासिक पत्रिकाओं
में देखे जा सकते हैं?
-
पंकज अग्रवाल, उमरिया, संजय वर्मा, सीहोर, राजेश शर्मा, सीधी, कोमल बघेल,
झाबुआ
l
भारतीय स्टेट बैंक लिपिक संवर्ग भर्ती परीक्षा-2009
की तैयारी हेतु मॉडल टेस्ट पेपर प्रतियोगी परीक्षाओं की
मासिक पत्रिका सामान्य ज्ञान दर्पण, प्रतियोगिता निर्देशिका, कॉम्पीटिशन
सक्सैस रिव्यू आदि में देखे जा सकते हैं।
n
मैं मशरूम उत्पादन करना चाहता हूँ। कृपया मशरूम उत्पादन का
प्रशिक्षण देने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों की जानकारी प्रदान करें?
-
विजय पाटिल, बागली (देवास)
l
मशरूम उत्पादन ऐसा स्वरोजगार है जिसमें आप कम लागत में
ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। भारत में पैदा होने वाले मशरूम की नस्लों की न
केवल देश बल्कि विदेशों में भी भारी माँग है। अगर आप इस व्यवसाय में थोड़ा
धन लगाकर कार्य शुरू करते हैं तो न केवल आपको बल्कि अन्य कई लोगों को भी आप
रोजगार दे पाने में सक्षम होंगे। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें अवसर के रूप
में समूचे परिवार को घर बैठे रोजगार मिला जाता है। इस व्यवसाय को छोटे स्तर
पर शुरू करने के लिए केवल एक छोटे से कमरे की जरूरत पड़ती है। मशरूम का
व्यवसाय प्रारंभ करने से पहले इसके उत्पादन का प्रशिक्षण लेना बहुत जरूरी
होता है। मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण आप इन संस्थानों से प्राप्त कर सकते
हैं-
u
पादप रोग विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा,
नई दिल्ली।
u
मध्यप्रदेश के कृषि महाविद्यालय।
u
राष्ट्रीय खुम्ब अनुसंधान केंद्र चम्बाघाट, सोलन,
हिमाचल प्रदेश।
u
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन, बागवानी
भवन, पंखा रोड, सागरपुर संस्थान क्षेत्र, नई दिल्ली।
u
स्नोव्यू मशरूम लैब एवं ट्रेनिंग सेंटर,
1064,
गाँधी आश्रम, नरेला, दिल्ली-40
n
मैं टी टेस्टर बनना चाहता हूँ। कृपया मार्गदर्शन प्रदान करें।
-
मनोहर यादव, खंडवा
l
चाय पीकर उसके स्वाद के आधार पर उसे श्रेणीगत करने की कला
के धनी युवाओं के लिए बतौर टी टेस्टर कॅरियर की सुनहरी डगर मौजूद है। एक
वर्षीय प्रशिक्षण के बाद युवा आकर्षक वेतनमान पर इस कार्य से जुड़ सकते हैं।
स्वाद के अनुरूप ही विभिन्न कंपनियों द्वारा कई ब्रांडों की चाय बाजार में
विपणन हेतु उपलब्ध कराई जाती हैं। चाय एक ऐसा उत्पाद है जो सीधे बागानों से
खुले बाजार में नहीं बेचा जाता है। टी टेस्टर चाय को चखकर उसके स्वाद व
क्वालिटी के अनुसार उसके मापदंडों को निर्धारित करता है। उसी के अनुसार उसका
मूल्यांकन करके उसके मूल्यों को निश्चित करता है। इसके बाद ही चाय की नीलामी
होती है। देश के कई संस्थान टी टेस्टर का प्रशिक्षण देते हैं। उनमें से
प्रमुख इस प्रकार हैं- असम दार्जीलिंग टी रिसर्च सेंटर, कुर्सियांग,
दार्जीलिंग दीपरास इंस्टीटयूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, एफई-477,
सेक्टर-3
सॉल्टलेक सिटी, कोलकाता दार्जीर्लिंग टी रिसर्च एंड
मैनेजमेंट एसोसिएशन, कदमताल।
n
मैं ब्रिटेन जाकर अपने विषय में रिसर्च करना चाहती हूँ। इसके
लिए कौन-कौनसी स्कॉलरशिप उपलब्ध हैं?
-
जान्हवी भदौरिया, उज्जैन
l
यदि आप ब्रिटेन जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती हैं तो
आपको कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप्स व फेलोशिप के लिए आवेदन करना चाहिए। स्कॉलरशिप
व फैलोशिप की इस योजना के कार्यक्रम का प्रबंधन भारत सरकार के केंद्रीय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और भारत स्थित
ब्रिटिश काउंसिल द्वारा किया जाता है। इसके लिए प्रतिवर्ष विभिन्न क्षेत्रों
में स्नातकोत्तर डिग्री के लिए
22
और पीएचडी के लिए
33
उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। चुने गए उम्मीदवारों को
ब्रिटिश विश्वविद्यालय में रिसर्च कार्य का अवसर मिलता है। विस्तृत विवरण
के लिए वेबसाइट
www.
britishcouncil.org.in/scholarship
लॉग
ऑन करें।
n
खुदरा व्यापार प्रबंधन का पाठयक्रम कहाँ से किया जा सकता
है?
-
दीपक चंद्रवंशी, मंदसौर
l
स्नातक डिग्री के उपरांत खुदरा व्यापार प्रबंधन (रिटेल
मैनेजमेंट) से संबंधित पाठयक्रम कराने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-
u
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर।
u
इंडियन रिटेल स्कूल, पर्ल एकेडमी, नई दिल्ली।
u
के.जे. सेमैया इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च
स्टडीज, मुंबई।
u
बिड़ला इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली।
l
मैं राफ्टिंग के
क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहता हूँ। कृपया मार्गदर्शन प्रदान करें।
-
अंकित शर्मा, अमरकंटक
r
आज से कोई बीस वर्ष पहले राफ्टिंग की अवधारणा अमेरिका,
स्विट्जरलैंड और कनाडा जैसे देशों से भारत आई। अब राफ्टिंग सिर्फ मौज-मस्ती
के लिए ही नहीं रह गया है। आज साहसी और स्वस्थ युवाओं ने इसे बतौर कॅरियर
चुनना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि भारत में राफ्टिंग उज्ज्वल कॅरियर के
रूप में उभरा है। राफ्टिंग का कोर्स कराने वाले संस्थान राफ्टिंग में
सर्टिफिकेट कोर्स संचालित करते हैं। किसी संस्थान में राफ्टिंग कोर्स में
प्रवेश से पहले आवेदनकर्ता की शारीरिक जाँच की जाती है। उम्मीदवार की निडरता
को जाँचने के लिए राफ्टिंग गाइड के साथ खतरनाक राफ्टिंग ट्रेक पर भेजा जाता
है। यदि वह सभी परीक्षणों में सफल होता है तो उसे प्रशिक्षण के लिए चुन लिया
जाता है। राफ्टिंग के प्रशिक्षण के दौरान राफ्टिंग उपकरणों के इस्तेमाल करने
का तरीका सिखाया जाता है। साथ ही ओवरनाइट रिवर टिप, नदी का बहाव, गहराई,
ढलान और उसके खतरों की भी विस्तार से जानकारी दी जाती है। सामान्यत: इस
कोर्स में नदी में राफ्टिंग कराते हुए प्रशिक्षण दिया जाता है। भारत में
राफ्टिंग के कोर्स की अवधि छह माह होती है। राफ्टिंग का कोर्स करने के
उपरांत आप राफ्टिंग गाइड बन सकते हैं। आप चाहें तो अपना स्वयं का राफ्टिंग
ट्रेनिंग स्कूल खोल सकते हैं। आप चाहें तो साहसी एवं एडवेंचर पसंद युवाओं
को नदी में राफ्टिंग कराकर अच्छा खासा धन अर्जित कर सकते हैं। राफ्टिंग का
कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-
v
हिमालयन रिवर रनर्स, एन-8,
ग्रीन पार्क मेन, नई दिल्ली।
v
इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन,
6,
बेनिटो जुआरेज रोड, नई दिल्ली।
l
मैं क्रिकेटर
बनना चाहता हूँ। कृपया मुझे क्रिकेट का प्रशिक्षण देने वाले देश एवं प्रदेश
के प्रमुख संस्थानों की जानकारी प्रदान करें*
-
हर्ष राजानी, शाहपुर (बैतूल), पवन बंसल, इछावर (सीहोर)
r
क्रिकेट का प्रशिक्षण देने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार
हैं-
v
दिल्ली क्रिकेट अकादमी, हरि नगर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नई
दिल्ली-110064*
v
वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकादमी, सेवियर कान्वेंट स्कूल, ए-2
पश्चिम विहार, नई दिल्ली-110063*
v
सीसीआई क्लब, नेहरू स्टेडियम के सामने, एमवाय हॉस्पिटल के
पास, इंदौर।
v
स्टेट मेन्स क्रिकेट अकादमी, भोपाल।
v
स्टेट मेन्स क्रिकेट अकादमी, ग्वालियर।
l
द इंस्टीटयूट ऑफ
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने अर्टिकलशिप से संबंधित क्या नया
परिवर्तन किया है?
-
किशोर वास्कले, ढीमरखेड़ा (कटनी)
r
द इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई)
ने इंटरमीडिएट परीक्षा की नई व्यवस्था में आर्टिकलशिप कर रहे छात्रों को भी
शामिल करने का निर्णय किया है। इससे साढ़े तीन साल की आर्टिकलशिप में तीन
साल बाद ही वे सीए फाइनल परीक्षा में शामिल होकर छह महीने पहले चार्टर्ड
एकाउंटेंट बन सकेंगे। गौरतलब है कि आर्टिकलशिप साढ़े तीन साल की वह ट्रेनिंग
है जो सीए के छात्रों को सीपीटी परीक्षा पास करने के बाद करनी होती है। इसके
लिए छात्रों को किसी सीए के अंतर्गत ट्रेनिंग करनी पड़ती है। आईसीएआई ने
सीपीटी पास आउट छात्रों के लिए इंटरमीडिएट परीक्षा को आर्टिकलशिप से मुक्त
करने के लिए इसी साल से पीसीसी की जगह आईपीसीसी (इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल
कॉम्पिटेन्सी कोर्स) के रूप में यह नई व्यवस्था लागू की है। इसमें नौ महीने
बाद इंटरमीडिएट परीक्षा पास करने के बाद ही तीन साल की आर्टिकलशिप शुरू होती
है।
l
पत्राचार माध्यम
से एमएड कराने वाले मान्यता प्राप्त संस्थानों की जानकारी कहाँ से प्राप्त
की जा सकती है?
-
मधुबाला शर्मा, महेश्वर (खरगोन)
r
पत्राचार के जरिए एमएड कार्यक्रम संचालित करने वाले मान्यता
प्राप्त विश्वविद्यालयों की सूची आप राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की
वेबसाइट
www.ncte.in.org
पर
देख सकते हैं।
l
उपग्रह संचार
में एम.टैक. की डिग्री कौन संचालित करता है?
-
शशि दुबे, विदिशा
r
उपग्रह संचार में एम.टैक. पाठयक्रम इन संस्थानों में उपलब्ध
है-
v
भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु। वेबसाइट
www.iisc.ernet.in
v
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुचिरापल्ली। वेबसाइट
www. nitt.edu
l
क्या भारत में
किसी संस्थान द्वारा स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है?
-
रीना गुर्जर, नरसिंहगढ़ (राजगढ़)
r
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नेताजी सुभाष नेशनल
इंस्टीटयूट ऑफ स्पोर्ट्स, पटियाला द्वारा स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप प्रदान की
जाती है।
l
ऑडियोलॉजी एंड
स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी में बैचलर डिग्री किस संस्थान से की जा सकती है?
-
चंद्रकांता माथुर, कुण्डम (जबलपुर)
r
न्यूनतम
50
प्रतिशत अंकों के साथ जीव विज्ञान समूह से बारहवीं उत्तीर्ण
छात्र चार वर्षीय बैचलर ऑफ ऑडियोलॉजी एंड स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी पाठयक्रम
अली यावर जंग नेशनल इंस्टीटयूट फॉर द हियरिंग हैंडीकैप्ड, नॉदर्न रीजनल
सेंटर, कस्तूरबा निकेतन, लाजपत नगर, नई दिल्ली-24
से कर सकते हैं।
l
मैं ऑस्टेलिया
में उच्च अध्ययन हेतु जाना चाहता हूँ। इसके संबंध में विस्तृत जानकारी कहाँ
से प्राप्त की जा सकती है?
-
अशोक सूर्यवंशी, ग्वालियर
r
ऑस्ट्रेलिया में उच्च अध्ययन हेतु आप ऑस्ट्रेलिया एजुकेशन
सेंटर, ऑस्ट्रेलियाई हाई कमीशन,
150
जी, शांतिपथ चाणक्यपुरी, नई दिल्ली,
21
से संपर्क करें या वेबसाइट
www.idp.com
पर
लॉग ऑन करें।
l
कृपया मुझे बताएँ
कि स्टॉक ब्रोकर कैसे बना जा सकता है?
-
जतिन खेड़ेकर, गोटेगाँव (नरसिंहपुर)
r
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए कम से कम वाणिज्य विषय में स्नातक
(अन्य विधा के छात्रों के लिए भी रोक नहीं है) होना चाहिए। यदि आपको वित्त,
व्यापार, अर्थशास्त्र, कैपिटल मार्केट अकाउंट व इन्वेस्टमेंट आदि की अच्छी
समझ है तो आप अपने कॅरियर की शुरुआत किसी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म से जुड़कर कर
सकते हैं। कम से कम दो वर्ष का अनुभव (उपब्रोकर के रूप में) और किसी
रजिस्टर्ड ब्रोकर की सिफारिश पर ब्रोकरशिप में पंजीयन होता है। शेयर का
व्यापार करने के लिए किसी न किसी स्टॉक एक्सचेंज की सदस्यता ग्रहण करनी पड़ती
है। जेडीबी इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च, नासिक, कैपिटल
मार्केट डेवलपमेंट, आर्य समाज रोड, करोलबाद, नई दिल्ली, यूटीआई इंस्टीटयूट
ऑफ केपिटल मार्केट्स, प्लाट
32,
सेक्टर
17,
वाशी, नवी मुंबई आदि में स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक ब्रेकिंग से जुड़ी
गतिविधियों का प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन कुशलता किसी लब्ध
प्रतिष्ठित स्टॉक ब्रोकर के साथ काम करके ही हासिल की जा सकती है।
l
मैं शारीरिक रूप
से अशक्त हूँ। कृपया मुझे ऐसी वेबसाइट की जानकारी दें जो अशक्त युवाओं को
रोजगार सहायता प्रदान करती हो।
-
कमल यादव, कालापीपल (शाजापुर)
r
इस हेतु आप राष्ट्रीय अशक्त व्यक्ति रोजगार प्रोत्साहन
केंद्र की वेबसाइट
www.ncpedp.org
या
अशक्तता भारत नेटवर्क की वेबसाइट
www.disabilityindia.org
लॉग
ऑन करें।
l
मैं मेजिशियन
बनना चाहता हूँ। कृपया मार्गदर्शन दें।
-
सौमित्र चटर्जी, इंदौर
r
संपूर्ण दुनिया में मेजिशियनों (जादूगरों) ने न केवल शानदार
पहचान बनाई है बल्कि बहुत दौलत और शोहरत भी कमाई है। यह क्षेत्र सदा से ही
आकर्षण का केंद्र रहा है। आप चाहें तो इसे एक शानदार कॅरियर के रूप में भी
अपना सकते हैं। इसके लिए किसी फार्मल डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है। इसके
लिए आप इस क्षेत्र से जुड़े संस्थानों से प्रशिक्षण ले सकते हैं। जैसे
कोलकाता का द मैजिक इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया। इसे विश्वविख्यात जादूगर पी.सी.
सरकार जूनियर ने स्थापित किया है। यह संस्थान युवाओं को वैज्ञानिक विधियों
से जादू सिखाता है और उन्हें रोजगार के उजले अवसर भी मुहैया कराता है। इस
संस्थान का पता इस प्रकार है- पीसी सरकार यंग,
123ए
जमीर लेन, कोलकाता-19।
अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट
www.
magicianpcsorkaryong.com
लॉग
ऑन करें।
l
मैं म्यूजियोलॉजी
में पी-एचडी करना चाहती हूँ। कृपया मुझे म्यूजियोलॉजी में पीेएचडी कराने
वाले संस्थान की जानकारी दें?
-
क्षिप्रा वशिष्ट, बालाघाट
r
नेशनल म्यूजियम इंस्टीटयूट ऑफ हिस्ट्री एंड आर्ट, कंजर्वेशन
एंड म्यूजियोलॉजी, नेशनल म्यूजियम, जनपथ, नई दिल्ली-11
से आप म्यूजियोलॉजी में पी-एचडी पाठयक्रम कर सकती हैं।
l
डिजास्टर
मैनेजमेंट में कॅरियर की क्या संभावनाएँ हैं? यह पाठयक्रम कहाँ से किया जा
सकता है?
-
जितेन्द्र सिकरवार, रामपुर बघेलान (सतना)
r
डिजास्टर मैनेजमेंट (आपदा प्रबंधन) के कोर्स के अंतर्गत,
आपदाओं से निपटने के तौर-तरीकों, पुनर्वास, प्राकृतिक आपदाओं की सूचना देने
वाले संवेदी उपकरणों आदि की जानकारी दी जाती है। डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स
का एक महत्वपूर्ण अंग प्रभावित क्षेत्रों में जाकर काम करने का मिलने वाला
अवसर है। डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा-डिग्रीधारी छात्र सरकारी अथवा
गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार पा सकते हैं। सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र
में चलने वाली आपदा परियोजनाओं में आप बतौर कार्यक्रम सहायक काम कर सकते
हैं। इसके अलावा नीति विश्लेषण, कार्यक्रम मूल्यांकनकर्ता, अनुसंधान निदेशक,
कार्य विश्लेषक, मानव संसाधन अधिकारी आदि के रूप में काम करने के अवसर
मौजूद हैं। जो युवा डिजास्टर मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स या डिप्लोमा
कोर्स करना चाहते हैं उनके लिए बारहवीं परीक्षा
60
प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है। कुछ
विश्वविद्यालय कोर्सों में प्रवेश हेतु प्रवेश परीक्षा का भी आयोजन करते
हैं। डिजास्टर मैनेजमेंट का पाठयक्रम कराने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार
हैं-
v
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट, नई दिल्ली।
v
डिजास्टर मिटिगेशन इंस्टीटयूट, अहमदाबाद।
v
इन्वॉयरमेंटल प्रोटेक्शन ट्रेनिंग एंड रिसर्च संस्थान,
हैदराबाद।
v
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली।
l
चार्टर्ड
अकाउंटेंसी, कास्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंसी तथा कम्पनी सेक्रेटरी पाठयक्रम की
जानकारी हेतु वेबसाइट बताएँ।
-
संजय बाफना, इंदौर, कृष्णपाल वर्मा, दमोह, सागर दुबे, रायसेन
r
चार्टर्ड अकाउंटेंसी हेतु वेबसाइट
www.icai.org,
कास्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंसी हेतु वेबसाइट
www.myicwai.com
तथा
कम्पनी सेक्रेटरी पाठयक्रम हेतु वेबसाइट
www.icsi.edu
लॉग
ऑन करें।
l
एयरलाइंस
टिकटिंग का कोर्स कहाँ से किया जा सकता है?
-
जगदीश दशौरिया, नेपानगर
r
एयरलाइंस टिकटिंग का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं-
v
आईआईटीटीएम, ग्वालियर,
v
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ ट्रेवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट, आगरा
विश्वविद्यालय, आगरा।
v
इंस्टीटयूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट, मोती महल, लखनऊ,
v
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली।
l
मैं मचर्ेंट नेवी
में कॅरियर बनाना चाहता हूँ। इस हेतु मुझे कहाँ संपर्क करना चाहिए?
-
पराक्रम सिंह खत्री, मंदसौर
r
मर्चेंट नेवी में प्रवेश से संबंधित विस्तृत जानकारी हेतु
आप जहाजरानी महानिदेशालय, जहाज भवन, बालचंद-हीराचंद मार्ग, बलार्ड एस्टेट,
मुंबई-
33
तथा मैरीन इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीटयूट पी-19,
ताराटोला रोड, कोलकाता-38
से संपर्क कर सकते हैं।
l
दूरस्थ शिक्षा
से एमफिल पीएचडी करना चाहता/चाहती हूँ। क्या यह पाठयक्रम यूजीसी से मान्यता
प्राप्त हैं?
- बद्रीप्रसाद दुबे,
टीकमगढ़, सरस्वती डामोर, धार
r
हाल ही में दूरस्थ शिक्षा
से एमफिल और पीएचडी डिग्रियों पर यूजीसी ने रोक लगा दी है। यूजीसी के नए
नियमों के मुताबिक कोई भी विश्वविद्यालय और इससे जुड़े कॉलेज, डीम्ड
यूनिवर्सिटी आदि दूरस्थ शिक्षा (पत्राचार माध्यम) से एमफिल और पीएचडी नहीं
करा सकते। दूरस्थ शिक्षा के जरिए दी गई पीएचडी डिग्रियों में शोध की
गुणवत्ता पर सवाल खड़े हुए थे, जिसके बाद यूजीसी ने ऐसी डिग्रियों पर रोक का
फैसला लिया है।
|